तुकड्यादास
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क्रमांक
भजन
1
अब आत्मरूप मिला ले पियारे !
2
अब काहेको धूम मचाते हो, दुखवाकर भारत सारे ?
3
अब कैसे ध्यान चढावें ?
4
अब क्या पूछ रहे हो यार !
5
अब छोड तनूका गर्व, लीन मनु ध्यायके रे !
6
अब छोड दिया यह भार सभी
7
अब छोड विषयकी छाया
8
अब जाग जरा, अब जाग जरा
9
अब जाग जरा, अब जाग जरा ।
10
अब तो आँखे खोल अब तो आँखे खोल | बन्दे!
11
अब तो उनकी खेती हैं ।
12
अब तो बदलो ये भारत की शान समझलो
13
अब तो भेय्या ! सहकारी खेती बनाओ ! प्यारे मित्रों! सबका भला कर जाओ ।।
14
अब बाँके ! कर साधन आके
15
अब भंगीमुक्ति - संडास बने
16
अब भूल गयी सुध सारी
17
अब मै किसबिध भक्ति सुनाऊं ? ॥
18
अब मै ब्रह्म पागया,अब मैं ब्रह्म पागया ।
19
अब मैं अपने पिया - संग लागी
20
अब यही करता हूँ, तुम-हममें बुराई होगी
21
अब रुठ गये हमसे हरि क्यों ?
22
अब साक्षि होके रहो भाईयो !
23
अब साक्षि होके रहो भाईयो !
24
अब साक्षी होकर रहना
25
अब सुनो बात यह ग्यानी !
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