भजन

क्रमांक भजन
1 अब आत्मरूप मिला ले पियारे !
2 अब काहेको धूम मचाते हो, दुखवाकर भारत सारे ?
3 अब कैसे ध्यान चढावें ?
4 अब क्या पूछ रहे हो यार !
5 अब छोड तनूका गर्व, लीन मनु ध्यायके रे !
6 अब छोड दिया यह भार सभी
7 अब छोड विषयकी छाया
8 अब जाग जरा, अब जाग जरा
9 अब जाग जरा, अब जाग जरा ।
10 अब तो आँखे खोल अब तो आँखे खोल | बन्दे!
11 अब तो उनकी खेती हैं ।
12 अब तो बदलो ये भारत की शान समझलो
13 अब तो भेय्या ! सहकारी खेती बनाओ ! प्यारे मित्रों! सबका भला कर जाओ ।।
14 अब बाँके ! कर साधन आके
15 अब भंगीमुक्ति - संडास बने
16 अब भूल गयी सुध सारी
17 अब मै किसबिध भक्ति सुनाऊं ? ॥
18 अब मै ब्रह्म पागया,अब मैं ब्रह्म पागया ।
19 अब मैं अपने पिया - संग लागी
20 अब यही करता हूँ, तुम-हममें बुराई होगी
21 अब रुठ गये हमसे हरि क्यों ?
22 अब साक्षि होके रहो भाईयो !
23 अब साक्षि होके रहो भाईयो !
24 अब साक्षी होकर रहना
25 अब सुनो बात यह ग्यानी !