तुकड्यादास
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क्रमांक
भजन
1
साधूकी रीति उलट दरस दरसाय
2
साधूची महती वर्णताती जन
3
साधो ! क्यो बाहर का त्यागे ?
4
साधो ! खोज करो तनमों , भटकते क्यों हो बनबनमों
5
साधो ! देखा अजब तमासा
6
साधो ! नाम जपे क्या होता ?
7
साधो ! नाम बिना गति नाहीं
8
साधो ! पद पाया निर्बाना
9
साधो ! पलभर राम सुमिरना
10
साधो ! बनमेंहि काहेको भूल परा ?
11
साधो ! सुन निर्गुण की बाता
12
साधो ! सुनले कहना रे ! सहजमें
13
साधो भाई ! रहगयी झोलि तुम्हरी
14
साधों ! खोज करो तनमों
15
साबरमति के तटपर देखा । सुन्दरसा आश्रम बापू का
16
सामाजिक जीवनाचा कोणी मुरदा पांडला
17
सारा चोरोंने माल उडाय दिया ।
18
साराही देश जागा गांधी के बोलसे
19
सारि रहगई मनकी मनमें
20
सारी उमर अकारथ खोय रहा ।
21
सारी खित्लकतमें तेरी मजा हो रही
22
सारी जवानी में तूने, किये पाप भारे । अभी बुढ़ापे में काहे, प्रभू को पुकारे ?
23
सारी दुनिया का कौन बोलो जीम्मेदार है ?
24
सारी दुनिया का तूही करणधार है । बिना तेरे ना किसीको लगा पार हे
25
सावध सावधान म्हणा मुखी राम राम।
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